भापस्नान के प्रकार एवं इसको करने के फायदे व सावधानियाँ

भापस्नान

भापस्नान – प्राकर्तिक चिकित्सा की एक अद्भुत क्रिया है जो शरीर से विषैले पदार्थों को पसीने के रास्ते बहार निकलने में सक्ष्म है |

भाप किस तरह काम करती है –

गर्म और नम (humid) हवा से त्वचा के पोर्स और श्वसन मार्ग पर नमी और गर्मी पहुँचती है। इससे म्यूकस (balgam) पतला होता है और नाक/साइनस से उसका निकास आसान होता है।

भापस्नान करने के फायदे

1. साँस-संबंधी समस्याएँ

कोरोना महामारी के समय अनेक डॉक्टर्स ने कोरोना के मरीजों को भाप स्नान लेने की सलाह दी | भाप स्नान लेने से नाक में जमा म्यूकस पता होता है जिससे नाक खुलती है एवं साँस लेना आसान होता है एवं साँस सम्बन्धी समस्याओं से निजात मिलती है |

ध्यान रखें – यदि आपको स्वास सम्बन्धी समस्याएँ है तो भापस्नान आपको राहत प्रदान कर सकता है परन्तु ये पूर्णतः उपचार नहीं है, आपको चिकित्सक की सलाह एवं दवा लेते रहना चाहिए है |

पढ़िए  – कटिस्नान के लाभ

2. जोड़ो के दर्द में राहत

भापस्नान से निकलने वाली गर्मी मांसपेशियों को रिलैक्स करती है, रक्तप्रवाह बढ़ाती है, जिससे कमर/कन्धे/घुटने के दर्द और रीढ-संबंधी अकड़न में आराम मिलता है।

3. त्वचा रोग

बेजान त्वचा, दाग़दार त्वचा, अस्वस्थ त्वचा आदि का मुख्य कारण पोर्स में जमी गंदगी होती हैं | भापस्नान करने से  पोर्स खुलते हैं – गंदगी एवं तेल बाहर निकलते हैं एवं त्वचा साफ-सुथरी व चमकदार बनती हैं |

4. मानसिक शांति

इस तनाव ग्रस्त ज़िन्दगी में लोग अनेकों उपचारों का सहारा लेते हैं मानसिक आराम प्राप्त करने के लिए किन्तु पूर्णतः शांति प्राप्त नहीं कर पाते | इस परिस्थिति में भापस्नान एक उपयोगी उपचार सिद्ध हो सकता हैं | इसकी गर्माहट से आप आराम का अनुभव कर सकते हैं एवं इससे नींद बेहतर हो सकती हैं |

5. वजन पर प्रभाव

केवल भाप से असली स्थायी वज़न घटाना संभव नहीं; भाप से पानी की निकासी से अस्थायी वजन घट सकता है। मेटाबॉलिज्म पर मामूली असर हो सकता है लेकिन यह व्यायाम और आहार का विकल्प नहीं है।

जानिए – पादस्नान के लाभ

भापस्नान के प्रकार –

1. स्टीम इंहलातिओं (Inhalation) –

सामग्री

गर्म पानी का सिस्टम, बाल्टी + तौलिया

किस रोग में लाभप्रद

नाक सम्बन्धी एवं साइनस के लिए।

विधि

एक पतीले में गर्म पानी लें |

सिर पे तौलिया रखें और 20-30 Cm की दुरी रखें – सीधे चेहरे पर बर्तन न झुकाएँ। दूरी ऐसी हो कि आपको गर्माहट महसूस हो पर जलन या चुभन न हो।

कितने समय तक करें

प्रतिदिन 5–10 मिनट तक

2. स्टीम रूम / तुर्किश बाथ

Temperature (तापमान)

(हाई ह्यूमिडिटी, moderate temp – आमतौर पर 40–46°C और 100% humidity का वातावरण)

कितने समय तक करें

शुरुवात में 5–10 मिनट करना ही ठीक हैं फिर धीरे धीरे समय वृद्धि बढ़ा सकते है और 10–15 मिनट तक कर सकते हैं

भाप से पसीना अत्यधिक मात्रा में निकलता हैं इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती हैं इसलिए खूब पानी पिए |

सावधानियाँ

लोग अक्सर भाप के बाद ठंडे शॉवर से ठंडा होते हैं — धीरे-धीरे ठंडा करें, बहुत तेज ठंडा परिवर्तन से दिल पर असर पड़ सकता है।

3. Sauna (dry heat) —

अधिक तापमान (70–100°C) पर कम आर्द्रता; सॉना और steam के फायदे ओवरलैप करते हैं पर अनुभव अलग होता है। फर्क ध्यान में रखें।

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हर्बल/प्राकृतिक जोड़ — क्या जोड़ें और कैसे?

1. नीलगिरी (Eucalyptus)

नीलगिर के तेल की 1–2 बूंद पानी में डाले फिर इससे भाप स्नान लें | इसको करने से साँस के मार्ग खुलते हैं जिससे श्वसन लक्षणों में सुधार होता हैं |

2. Tulsi (तुलसी) / हल्दी 

गर्म पानी में तुलसी के पत्ते व हल्दी डालकर भाप लेना भी लाभप्रद माना गया हैं |

सावधानियाँ

  • हृदय रोगी / अस्थिर एंजाइना / हाल में हृदयघात वाले लोगों को भाप/सॉना से पहले डॉक्टर से अनिवार्य परामर्श। (हीट का असर हृदय पर पड़ता है)।
  • गर्भावस्था – गर्भावस्था में बहुत ऊँची बॉडी-टेम्परेचर से भ्रूण पर जोखिम हो सकता है; इसलिए गर्भवती महिलाएँ अत्यधिक गर्म बाथ/steam/sauna से बचें और पहले डॉक्टर से पूछें।
  • बच्चे और बुज़ुर्ग – स्काल्ड/दुर्घटनाओं का अधिक जोखिम; घरेलू भाप में विशेष सावधानी। कई स्वास्थ्य संस्थाएँ बच्चों के लिए घरेलू भाप अब सुझाव नहीं करतीं (बर्न की घटनाएँ हुई हैं)।
  • बहुत ऊँचा बुखार, गंभीर संक्रमण, अस्थमा की तीव्र एपिसोड – भाप से नुकसान हो सकता है; पहले चिकित्सक से परामर्श।
  • उच्च रक्तचाप (uncontrolled) – अनियंतरित BP वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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