पादस्नान के प्रकार, लाभ, विधि एवं सावधानियाँ

पादस्नान

ऐसा हमने अक्सर अपनी दादी नानी से सुना होगा – यदि पैर में दर्द है तो थोड़ी देर दोनों पैरों को गुनगुने पानी में डाल के बैठ जाओ दर्द में आराम मिलेगा | आइए जानते है इस विधि को कहते क्या है एवं इसको करने से क्या स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है

पढ़े – कटिस्नान के लाभ

पादस्नान क्या है ?

पैरों को को गुनगुने या ठंडे पानी में डुबोकर रखने की विधि को हम कहते है – पादस्नान | इसको प्राकर्तिक चिकित्सा में काफी उत्तम माना गया है | पानी में हम नमक, तेल, एरोमा आयल भी डाल सकते है | ऐसा माना गया है के पैर में कई प्रकार के बिंदु होते है जिनका जुड़ाव शरीर के विभिन्न अंगो से होता है | एक्यूप्रेशर चिकित्सा में इन्ही बिंदुओं को दबाने से कई तरह से रोगों में आराम मिलता है |

यदि हम पैरों को कुछ देर पानी में डुबो के रखते है तो पुरे शरीर पे सकारात्मक असर पढ़ता है |

पादस्नान इतिहास और परंपरा

  • भारत में, खासकर आयुर्वेद में, पादस्नान का ज़िक्र “दिनचर्या” (दैनिक नियम) के हिस्से के रूप में मिलता है।
  • चीन और जापान में भी हर्बल और गर्म पानी से पैर धोना सदियों से स्वास्थ्य सुधार के लिए किया जाता रहा है।
  • यूरोप में 18वीं–19वीं सदी में फुट बाथ एक तरह की थैरेपी बन गया था, जिसे “हाइड्रोथैरेपी” कहा गया।

पादस्नान के प्रकार

1. गुनगुना पानी पादस्नान

पानी का तापमान – 37–40°C

इसको करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है एवं रक्त का प्रवाह बढ़ता है |

2. ठंडा पानी पादस्नान

पानी का तापमान – 10–18°C

पैरों की सूजन कम करने और चोट या मोच के बाद सूजन घटाने में उपयोगी।

3. नमक वाला पादस्नान

2–3 बड़े चम्मच सेंधा नमक या समुद्री नमक गुनगुने पानी में मिलाया जाता है।

यह त्वचा की सफाई और बदबू कम करने में मदद करता है।

4. हर्बल पादस्नान

नीम पत्ते, तुलसी खाने के फायदे, अदरक, पुदीना या ग्रीन टी जैसी जड़ी-बूटियाँ पानी में डाली जाती हैं।

लाभ – संक्रमण से बचाव और त्वचा को पोषण देने में सहायक।

5. एरोमा ऑयल पादस्नान

लैवेंडर, पुदीना, या टी-ट्री ऑयल की कुछ बूँदें पानी में डालकर किया जाता है।

लाभ – मन को शांत करें एवं त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करता है।

पादस्नान के फायदे

1. पैरों का दर्द दूर करें

अधिक चलना एवं बुहत देर तक खड़े रहने से होने वाली दर्द में पादस्नान लाभप्रद है | ये मांसपेशियाँ को आराम पहुँचा कर पैर के दर्द में आराम दिलाता है |

2. रक्त संचार में सुधार

नसों के सिकुड़ने से रक्त का प्रवाह धीमे हो जाता है, पादस्नान करने से पैरों की नसें फैलती है एवं रक्त प्रवाह बढ़ता है |

3. नींद न आने की समस्या दूर करें –

यदि किसी को रात में नींद न आने की समस्या है तो ऐसी स्तिथि में पादस्नान करने के चमत्कारी लाभ मिलते है | रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से पादस्नान करने से नर्वस सिस्टम शांत होता है जिससे नींद अच्छी आती है |

पादस्नान करने की विधि

  • एक टब या बाल्टी लें, उसमे गुनगुना या ठंडा पानी डालें (जरुरत अनुसार) | पानी उतनी मात्रा में डालें जिससे आपकी एडी अचे से पानी में डूब जाए, चाहे तो इससे भी ज्यादा पानी डाल सकते है |
  • गुनगुने पानी से पादस्नान करते समय सिर पे गीले पानी का तौलिया रखें | ध्यान रखें तौलिया ठंडे पानी का हो, यहाँ ठंडे पानी से मतलब फ्रीज़ का पानी नहीं है | ठंडा पानी से तात्पर्य है सादा पानी न अधिक ठंडा न अधिक गर्म |
  • पैरों को 15–20 मिनट तक डुबोकर रखें।
  • इस दौरान हल्के से पैरों को आपस में रगड़ें या स्क्रबर से साफ करें।

पादस्नान सावधानियाँ

  • घाव या कट होने की स्तिथि में पादस्नान न करें | पानी के संपर्क में घाव आते ही अधिक बढ़ जाता है |
  • अत्यधिक सूजन या दर्द – अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, चिकित्सकीय जाँच ज़रूरी है।

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