कैल्शियम के बाद सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण क्षार के रूप में फोस्फरस की गणना होती है। शरीर में स्थित कुल फोस्फरस का 75 प्रतिशत अंश हड्डियों और दाँतों में होता है। शेष 25 प्रतिशत फोस्फरस शरीर के विविध अंगों में होता है। वह निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य करता है :
(1) फोस्फरस शरीर के विकास एवं पोषण के लिए आवश्यक है।
(2) यह पाचक रस को क्रियाशील बनाता है।
(3) फोस्फरस शर्करा और चरबी के चयापचय में सहायता करता है।
(4) फोस्फरस मस्तिष्क एवं ज्ञानतंतुओं की कार्यप्रणाली के लिए भी आवश्यक है।
फोस्फरस की कमी से दांत एवं हड्डियां कमजोर हो जाते हैं। शरीर के वजन में कमी आ जाती है।
प्रतिदिन कम से कम एक ग्राम फोस्फरस शरीर के लिए जरूरी है। दूध, खमीर (yeast), सूखा मेवा, सोयाबीन, गाजर, अमरूद, खजर आदि फोस्फरस प्राप्त करने के उत्तम स्रोत है।