मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण एवं इसे बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

मेटाबॉलिज्म क्या होता है?

मेटाबॉलिज्म, जिसे चयापचय भी कहा जाता है, वह प्रक्रिया है जिससे हमारा शरीर खाने को ऊर्जा में बदलता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से हमारा शरीर आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करता है जो हमारे दैनिक कार्यों को करने में मदद करती है। जब मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है, तो इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।

मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण –

1. शरीर में दर्द:

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है।

2. पेट पर फैट का बढ़ना:

बिना ज्यादा खाए और बिना एक्सरसाइज किए भी पेट के आसपास की चर्बी बढ़ती है।

3. थकावट महसूस होना:

हमेशा थकावट महसूस करना कम मेटाबॉलिज्म का संकेत हो सकता है।

4. भूख ना लगना:

कई घंटे कुछ ना खाने के बाद भी भूख का एहसास नहीं होना मेटाबॉलिज्म कम होने का संकेत हो सकता है।

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

1. गुनगुना पानी पिएं:

दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें। यह पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।

2. त्रिकटु चूर्ण:

पिप्पली, काली मिर्च और सौंठ का मिश्रण पाचन और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। इसे गुनगुने पानी के साथ लें।

3. आहार में अदरक शामिल करें:

अदरक पाचन उत्तेजक है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। अदरक की चाय या अदरक का रस लें।

4. व्यायाम:

नियमित योग और प्राणायाम मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करते हैं।

5. ताजे फल और सब्जियाँ:

फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर ताजे फल और सब्जियाँ पाचन तंत्र को सही रखते हैं।

6. हल्दी:

हल्दी में करक्यूमिन होता है जो मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करता है। हल्दी का दूध या भोजन में हल्दी का उपयोग करें।

7. त्रिफला:

आंवला, बिभीतक और हरितकी का मिश्रण त्रिफला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। सोने से पहले इसका सेवन करें। जानिए – त्रिफला खाने के फायदे 

8. अश्वगंधा:

तनाव कम करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा का चूर्ण या कैप्सूल लें।

9. धूप और सूरज की रोशनी:

सुबह की धूप में कुछ समय बिताएं। यह विटामिन डी प्रदान करता है जो मेटाबॉलिज्म के लिए आवश्यक है।

10. नियमित भोजन करें:

भोजन के बीच लंबे अंतराल से बचें। नियमित समय पर छोटे-छोटे भोजन करें।

11. मसालेदार भोजन:

काली मिर्च, इलायची, और दालचीनी मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करते हैं।

12. भरपूर नींद लें:

पर्याप्त नींद मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

13. तुलसी का सेवन:

तुलसी की पत्तियों खाने का फायदा करती है पाचन तंत्र को मजबूत करने में और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है।

अन्य उपाय और जड़ी-बूटियाँ

1. सेब का सिरका:

सेब का सिरका मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए प्रभावी है। एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीएं।

2. मेथी के बीज:

मेथी के बीज फैट टिश्यू को कम करते हैं और पाचन एंजाइम को बढ़ाते हैं। मेथी के बीज को पानी में भिगोकर सेवन करें।

3. दालचीनी:

दालचीनी ब्लड शुगर और मोटापे को नियंत्रित करती है। चाय, जूस, सलाद, सूप आदि में इसका पाउडर उपयोग करें।

4. अजवाइन:

अजवाइन पाचन क्रिया को ठीक करती है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है।

5. भीगे हुए बादाम:

बादाम में मैग्नीशियम होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। सुबह भीगे बादाम खाएं।

6. तरबूज, खरबूजा:

तरबूज खाने का फायदे मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के अलावा वजन घटाने में भी मदद करते हैं। इनमें आर्गिनिन और अमीनो एसिड होते हैं।

निष्कर्ष –

इन आयुर्वेदिक उपायों का पालन करके आप अपने मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन किसी भी नए उपाय को अपनाने से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना उचित है। आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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