पथरी होने पे चिकित्सक ऑपरेशन करवाने की सलाह देते है | किन्तु पथरी की समस्या बिना ऑपरेशन के भी ठीक की जा सकती है आयुर्वेदिक औषधि के माध्यम से | पत्थरचट्टा ऐसी ही एक चमत्कारी औषधि है |
इसे पानफुट्टी’, ‘अमर बेल’, और ‘मिर्दा संजीवनी’ भी कहा जाता है, एक चमत्कारी औषधि है इसका प्रयोग पथरी (किडनी स्टोन) जैसी समस्या को ठीक करने में किया जाता है | इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और मूत्रवर्धक गुण पाए जाते है जो पथरी को तोड़ने एवं किडनी की सफाई करने में कारग़र है |
आइए जानते है पत्थरचट्टा का सेवन करने के फायदे एवं इसको सेवन करने की विधि –
1. पथरी को तोड़ने में कारग़र
पत्थरचट्टा किडनी स्टोन को तोड़ने एवं इसे मूत्र मार्ग से बहार निकालने में सहायक है | इसमें मौजूत प्राकृतिक यौगिक गुण पथरी को छोटे-छोटे कणों में विभाजित कर देते हैं, जिससे ये धीरे-धीरे पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाती है |
2. मूत्रवर्धक गुण
पत्थरचट्टा पथरी को सिर्फ तोड़ता ही नहीं है अपितु इसके मूत्रवर्धक गुण पाए जाते है जो गुर्दों को उत्तेजित कर विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है | ऐसे देखा गया है के, पथरी के रोगी को मूत्र मार्ग में जलन एवं मूत्र करने में रूकावट मेहसूस होती है | पत्थरचट्टा इन समस्या को दूर कर दर्द से राहत प्रदान करता है |
3 सूजन एवं दर्द में राहत
पथरी के रोगी को अचानक पेट में काफी दर्द होने की समस्या अधिक तंग करती है | पत्थरचट्टा के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पथरी से होने वाली सूजन को कम करती है एवं दर्द से राहत दिलाते है |
4. पाचन तंत्र में सुधार
वैसे तो पेट के किसी भी रोग का कारण पाचन तंत्र की कमज़ोरी होती है | पथरी (किडनी स्टोन) के कुछ रोगियों में भी इसके होने का मुख्य कारण कमजोर पाचन तंत्र एवं अतिरिक्त अम्लपित्त (acidity) का घरेलू उपचार माना गया है | पत्थरचट्टा शरीर में पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है जिससे पथरी के होने की सम्भावना को कम करता है |
5. संक्रमण से बचाव
पथरी होने की स्थिति में मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI) होने का खतरा बढ़ जाता है। पत्थरचट्टा में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण, इस संक्रमण को रोकने में मददगार है |
6. खरीदने में समर्थ
पत्थरचट्टा एक प्राकृतिक औषधि है, जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है | इसका सेवन करने के कोई हानिकारक दुष्प्रभाव नहीं है | फिर भी हम आपसे विनम्रता करते है के आप इसका सेवन वैद्य से सलाह लेकर ही करें |
पत्थरचट्टा का सेवन करते समय सावधानियां
- पत्थरचट्टा का सेवन सिमित मात्रा में करें वरना ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है
- यदि पथरी का आकार बड़ा हो तो इसे चिकित्सक के परामर्श के बिना इसका सेवन न करें |
- गर्भवती महिलाओं एवं बच्चे इसका सेवन चिकित्सक से सलाह लेकर ही करें |
उपयोग का तरीका –
खाली पेट इसका सेवन करना लाभप्रद है | सुबह पत्थरचट्टा के पत्तों का रस निकाले एवं इसका नियमित करें 10-15 दिन तक एवं फर्क देखें |