बेल खाने के फायदे एवं इसमें पाए जाने वाले पौषक तत्व

बेल एक ऐसी औषधीय फल है जिसका जूस हम अक्सर जूस की दुकान से खरीदकर पीते तो है मगर इसको पीने से क्या फायदे होते है उससे हम अनजान है | बेल एक ऐसी पवित्र औषधि है जो जो बेल वृक्ष पर उगता है। बेल प्रचुर मात्रा में गर्मी  की ऋतू में मिलता है | इसका छिलका बाहर से सख्त होता है, लेकिन अंदर का गूदा मीठा, गाढ़ा और गूदेदार होता है।

बेल में पाए जाने वाले पौषक तत्व 

बेल में कई प्रकार के पोषक तत्व और औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जैसे:

पोषक तत्व कार्य
टैनिन दस्त रोकने में मदद करता है |
विटामिन C रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है |
फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है |
कैल्शियम हड्डियों के लिए अच्छा है |

बेल खाने के फायदे

  1. पाचन शक्ति बढ़ाए

बेल पेट को ठंडा कर पाचन शक्ति को मजबूती प्रदान करता है | इसका गुदा आंतो की सफाई करता है जिससे कब्ज़, एसिडिटी जैसी समस्याओं से निजात मिलती है एवं व्यक्ति पेट में हल्का पन महसूस करता है |

  1. दस्त रोके

बेल का सेवन पेट को संतुलित करने में सक्ष्म है, ये न सिर्फ कब्ज़ दूर करता है अपितु दस्त की समस्या को भी दूर करता है | यह आँतों की झिल्ली को सुरक्षा देता है। जानिए – लूज मोशन के घरेलू उपाय

  1. पेचिश रोग ठीक करें

पेचिश की समस्या से जूझ रहे रोगियों को मल त्यागने में अत्यधिक पीड़ा होती है, मल के साथ खून बलगम आना जैसी समस्याओ में बेल का सेवन लाभप्रद है |

  1. लू लगने से बचाए

जैसे के हमने पहले बताया के बेल की तासीर ठंडी होती है | गर्मियों में इसका शरबत शरीर को शीतलता प्रदान करती है जिससे लू से बचाव होता है |

  1. रक्त शुद्ध करें

शरीर में रोग होने का मुख्य कारण रक्त में जमी गन्दगी होती है, बेल का प्रयोग रक्त में जमी गन्दगी को बाहर निकाल रक्त को शुद्ध करता है एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है | पढ़िए – उच्च रक्तचाप के लक्षण व उपचार

  1. मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों के लिए उपयोगी

सिर्फ बेल का फल ही नहीं, बेल के पत्ते खाने के भी है अत्यधिक लाभ | मधुमेह के रोगियों को बेल के पत्ते सुबह खाली पेट खाने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करता है |

  1. इम्युनिटी बढ़ाए

इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। बेल का उपयोग सामान्य सर्दी-जुकाम से बचाव करता है।

  1. आंतों के कीड़ों का नाश करता है

ऐसा देखा गया है – छोटे बच्चों के पेट के कड़े के लक्षण अक्सर परेशान करते है | छोटे बच्चों को बेल का सेवन करवाने से कीड़े मर जाते है एवं मल मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते है |

  1. त्रिदोष नाशक (वात-पित्त-कफ)

आयुर्वेद में बुहत कम ऐसी औसधिया है जो वात-पित्त-कफ तीनों दोषों को नियंत्रित करता है |

बेल के उपयोग के तरीके

  1. बेल शरबत

सामग्री:

पका हुआ बेल फल – 1

ठंडा पानी – 2-3 गिलास

गुड़/शक्कर – स्वादानुसार

काला नमक – चुटकी भर

नींबू – वैकल्पिक

विधि:

बेल को तोड़कर उसका गूदा निकालें।

गूदा पानी में मिलाकर अच्छे से मसलें।

इसे छान लें और उसमें गुड़/नींबू/नमक मिलाएं।

ठंडा करके पिएं। गर्मियों के लिए सर्वोत्तम पेय है।

  1. बेल मुरब्बा

यह कब्ज, गैस, और पाचन के लिए रामबाण है।

रोजाना 1 चम्मच सुबह खाना लाभकारी होता है।

  1. बेल पत्तियों का रस (डायबिटीज के लिए)

विधि:

ताजे बेल के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें।

रोज सुबह खाली पेट 1–2 चम्मच पिएं।

सावधानियां

सर्दियों में बेल का सेवन करने से बचे क्यूंकि इसकी तासीर ठंडी होता है | वैसे तो बेल कब्ज़ नाशक है परन्तु अत्यधिक सेवन से कब्ज़ की समस्या परेशान कर सकती है | इन बातों का विशेषकर ध्यान रखें |

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