पिप्पली के चूर्ण एवं तेल से करे हर्निया का उपचार – पढ़िए

हार्निया का उपचार करने के लिए पिप्पली (पिपली चूर्ण) का उपयोग एक अच्छे विकल्प के रूप में सिद्ध होगा, पिप्पली के रस में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट गुणों से परिपूर्ण है जो हार्निया के लक्षणों को कम करने और संतुलित करने में मददगर हैं।

हार्निया के इलाज में पिप्पली का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है –

  1. पिप्पली चूर्ण:

पिप्पली को चूर्ण बना कर ले सकते हैं। इसे पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है। यह पाचन को सुधारने में मदद करता है और हार्निया के दर्द को कम करने में मदद करता है।

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  1. पिप्पली का तेल:

पिप्पली का तेल मालिश के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इससे हार्निया के क्षेत्र में संवेदनशीलता कम कर दर्द से आराम मिलता है।

  1. पिप्पली के पत्ते:

पिप्पली के पत्ते को कुचलकर लेप करना चाहिए | इससे हर्निया का दर्द कम होता है |

लेकिन, ध्यान दें कि यह सभी उपाय डॉक्टर की सलाह के बिना न किए जाएं, खासकर अगर आपके पास गंभीर हार्निया के लक्षण हैं। डॉक्टर आपके लिए सबसे उपयुक्त उपाय का सुझाव देंगे, और आपके स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उपचार की व्यवस्था करेंगे।

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