कटिस्नान क्या है? विधि, उपचार, फायदे एवं सावधानियाँ

कटिस्नान क्या है?

यदि हम कटिस्नान को विभाजित करें – कटि एवं स्नान, कटि का अर्थ है कमर एवं एवं स्नान का अर्थ है पानी से धोना | इस तरह कटिस्नान का पूरा अर्थ बनता है कमर क्षेत्र का स्नान करना |

ये एक प्राकर्तिक चिकित्सा की प्रक्रिया है | प्राकर्तिक चिकित्सा में हर रोग का मुख्य कारण पेट की खराबी माना जाता है | कटिस्नान में व्यक्ति के कमर वाले भाग को ठण्डे या गुनगुने पानी में 10 -15 मिनट के लिए डुबोकर बैठता है। कटिस्नान करने से सारे शरीर का रक्त का बहाव पेट की तरफ हो जाता है | जिससे पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है |

कटिस्नान निवाया करना है या ठण्डा, ये रोग के विकार के ऊपर निर्भित करता है | इसलिए इसे करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें|

कटिस्नान करने की विधि (Step-by-Step Process)

1.कटिस्नान में उपयोग आने वाली सामग्री –

  • एक चौड़ा और गहरा प्लास्टिक या लोहे का टब लें जिसमें आराम से बैठा जा सके।
  • टब का क्षेत्र आप अपने वजन के अनुसार तय करें |
  • ठण्डा या गुनगुना गुनगुना पानी – रोग के अनुसार) |
  • एक छोटा तौलिया और सूखे कपड़े |

2. जल तापमान का चयन –

  • ठण्डे पानी से मतलब बर्फीला ठण्डा पानी नहीं है | ज्यादा ठण्डे पानी से आपको कब्ज़ियत की समस्या परेशान कर सकती है |
  • ठंडा पानी (12–18°C) – पाचन, तनाव, पाइल्स का घरेलू इलाज, कब्ज आदि के लिए |
  • गुनगुना पानी (30–40°C) – मासिक धर्म की पीड़ा, मांसपेशियों की अकड़न, मूत्र संक्रमण आदि में सहायक |

3. कटिस्नान करने की प्रक्रिया –

  • टब में बैठने से पहले टब कितना भरा होना चाहिए ये निरधारित करें | पानी नाभि एवं कमर तक पहुंच इतना ही भरें |
  • टब से हाथ एवं पैर बाहर ही रखें |
  • कटिस्नान करने में समय का महत्वपूर्ण ध्यान रखें | उचित समय से ज्यादा टब में बैठने से आपको मितली चलना एवं उलटी आने जैसी समस्या परेशान कर सकती है |
  • कम से कम मिनट 10 एवं ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट तक टब में बैठे | इससे ज्यादा बैठना कई समस्या को उजागर कर सकता है |
  • यदि आप निवाया कटिस्नान कर रहे है तो सिर पर ठण्डा तोलिया रखें जिससे आपकी पेट की गर्मी सिर को न चढ़े | इससे सिर दर्द का इलाज की समस्या आपको परेशान कर सकती है |
  • स्नान के दौरान शरीर को ढंकने के लिए एक कपड़ा रखें (विशेष रूप से ठंडे मौसम में)।

4. कटिस्नान के बाद –

निविया कटिस्नान करने के बाद, सिर पे रखा हुआ तोलिया हटा लें एवं सिर को ठण्डे पानी से अच्छे से धोए |

  • ये सब करने के बाद शरीर को सूखे तोलिये से साफ़ करें |
  • गर्म कपड़े पहनें।
  • तुरंत ठंडी हवा या पंखे के संपर्क में न आएं।

कटिस्नान करने के स्वास्थ्य लाभ (Benefits)

1. पाचन क्रिया में सुधार –

कटिस्नान करने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है | जिससे गैस, अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।

2. बवासीर व गुदा रोग –

गुदा में सूजन, जलन, खुजली या फिशर की समस्या में ठंडा कटिस्नान अत्यंत लाभकारी है। खून वाली बवासीर में ठंडा पानी आराम देता है।

3. मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ –

मासिक धर्म के समय पेट दर्द का अचूक उपाय, ऐंठन, भारीपन में गुनगुना कटिस्नान राहत देता है। अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है।

4. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) –

जलन और बार-बार पेशाब जाने की समस्या में ठंडा कटिस्नान फायदेमंद है। मूत्र मार्ग में सफाई करता है।

5. तनाव और मानसिक थकान –

ठंडा पानी शरीर को शांति देता है। मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा में लाभकारी।

6. प्रजनन तंत्र का स्वास्थ्य –

पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन अंगों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है। जननांगों में किसी भी प्रकार की सूजन, खुजली या गर्मी में राहत देता है।

7. त्वचा रोगों से राहत –

शरीर के निचले भाग में त्वचा संक्रमण, फोड़े-फुंसी या खुजली की समस्या में ठंडा पानी सूजन कम करता है।

8. डायबिटीज नियंत्रित करें –

कटिस्नान डायबिटीज के रोगियों की शुगर नियंत्रित करती है | जिससे शरीर में फुर्ती आती है एवं रोगी ऊर्जा महसूस करता है |

9. कमर दर्द दूर करें –

जैसे के हमने आपको पहले बताया के कटिस्नान कमर का स्नान होता है, इसके करने से कमर दर्द से आराम मिलता है |

10. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करें –

निवाया कटिस्नान खून को पतला कर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है |

सावधानियाँ (Precautions)

  • भोजन के तुरंत बाद न करें।
  • निवाया कटिस्नान हमेशा खली पेट ही करें, यदि आपको कब्ज़ है तो पहले पेट साफ़ करें | पेट साफ़ करने के लिए आप एनीमा या कब्ज़ निवारण औषद्यि जैसे (त्रिफला चूर्ण खाने के फायदे)  का उपयोग कर सकते है |
  • गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह के बाद ही कटिस्नान करें |
  • यदि आपको चाकर आने समस्या है तो चिकित्सक की सलाह लेकर ही कटिस्नान करें |

कटिस्नान कितनी बार करें?

  • दिन में एक बार सुबह खली पेट कटिस्नान पर्याप्त है

निष्कर्ष

कटिस्नान एक अत्यंत सरल लेकिन प्रभावी प्राकृतिक उपचार है जो शरीर के निचले भाग को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत लाभदायक है। इसे घर पर आसानी से किया जा सकता है, और यह दवाओं के बिना भी कई समस्याओं में राहत देता है।

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