परहेज़ के साथ करे (Ulcerative Colitis) का इसबगोल से उपचार – जानिए

अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज संभव है इसबगोल से –

उल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) बड़े आंत का रोग है जिसमें आंत की ऊपरी तिहाई भाग में सूजन और Ulcer (घाव) हो जाता है, जिससे रोगी को बड़ी समस्याएं होती हैं, जैसे कि दस्त, पेट में दर्द, खून आना, और दूसरी समस्याएं।

उल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) में इसबगोल खाने के फायदे –

इसबगोल (Psyllium) एक पौष्टिक फाइबर है जो उल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन हर रोगी के लिए इसका प्रतिसाद अलग हो सकता है। जानिए

1. पौष्टिकता और हाइड्रेशन:

इसबगोल फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन को सहारा प्रदान करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसका सही से सेवन करने से आपका पेट स्वस्थ रह सकता है। सही मात्रा में पानी पीना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

2. कब्ज और दस्त का नियंत्रण:

इसबगोल का सेवन कब्ज दूर करने में सहायक है साथ ही यह दस्त को भी नियंत्रित करता है। जानिए – constipation में क्या खाना चाहिए 

3. सूजन और घावों को कम करना:

इसबगोल में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो सूजन और घावों को कम करता है |

4. डाइजेस्टिव स्वास्थ्य को सुधारना:

इसबगोल पाचन को सहारा प्रदान करके डाइजेस्टिव स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है | आपका पेट स्वस्थ रह सकता है।

5. डॉक्टर की सलाह और निगरानी:

याद रखें कि इसबगोल का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी आपात स्थिति में यह सुनिश्चित करें कि आप कोई भी नई चीज का सेवन नहीं करेंगे

इसबगोल का सेवन करने की विधि –

  • एक चम्मच इसबगोल को एक गिलास पानी में मिलाएं और रात को सोने से पहले खाएं।
  • इसे धीरे-धीरे बढ़ाते हुए रोजाना सुबह और शाम को लेना फायदेमंद हो सकता है।

पानी का सही मात्रा में सेवन:

  • सही मात्रा में पानी पीना भी कब्ज़ को दूर करने में मदद कर सकता है।
  • रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।

(Ulcerative Colitis) में परहेज़ –

1. दूध और दैहिक उत्पाद:

दूध और दैहिक उत्पादों का सेवन करने से बचें और इसका सेवन कोलाइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

2. गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल स्टिमुलेंट्स:

स्पाइसी और तीखे भोजन एवं तले हुए चीजें से बचें, क्योंकि इन्हें खाने से आपकी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

3. फास्ट फ़ूड और प्रोसेस्ड फ़ूड:

तला हुआ और प्रोसेस्ड फ़ूड से बचें, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में तेल और तले हुए चीजें हो सकती हैं जो इस बीमारी को बढ़ा सकती हैं।

4. फाइबर युक्त खाद्य:

रोगी को फाइबर युक्त खाद्य को नियमित रूप से खाना चाहिए, लेकिन यह उन्हें अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे आंत में और भी ज्यादा सूजन हो सकता है।

5. कैफ़ीन और एल्कोहल:

कैफ़ीन और एल्कोहल से परहेज करें, क्योंकि इनका सेवन रोगी को अधिक आंतिक बीमारी के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

इसके अलावा, रोगी को अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और उनके आहार और उपचार की निगरानी करनी चाहिए। रोगी को अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही किसी नए आहार योजना को अपनाना चाहिए।

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