अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज संभव है इसबगोल से – उल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) बड़े आंत का रोग है जिसमें आंत की ऊपरी तिहाई भाग में सूजन और Ulcer (घाव) हो जाता है, जिससे रोगी को बड़ी समस्याएं होती हैं, जैसे…
त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो भारतीय चिकित्सा पद्धति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसे संजीवनी बूटी के नाम से नवाजा जाता है | त्रिफला तीन प्रमुख फलों से मिलकर बनता है – आंवला हरड़ बहेड़ा आइए जानते है…
वैसे तो आयुर्वेदा में रोटी को मधुमेह का दुश्मन कहा जाता है क्यूंकि इससे शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है | किन्तु क्या आपको पता है के रोटी अगर बासी करके खाई जाएं तो शुगर नियंत्रण…
कारण – सीने में कफ जमा हो जाने के कारण सीना जकड़ा हुआ अनुभव होता है | ठंडी वस्तुओं के खान-पान, ठंडे पानी से स्नान, सर्दी लग जाने, प्रदूषण युक्त वातावरण इत्यादि कारणों से यह रोग हो जाता है ।…
वायुप्रणाली का शोथ – सांस की नलिका के अन्दर झिल्ली पर कीटाणुओं के प्रदाह द्वारा उत्पन्न रोग को वायु प्रणाली का शोथ कहते है | उपचार – घी में भुनी हींग नित्य 2 से 5 रत्ती लेने से लाभ होता…
चूहे के काटने का उपचार इस पर पुदीना खाने व लेप लगाने पर लाभ होता है। चूहा साधारणतः घरो में होते हैं, यह सदैव एक स्थान के रोग को दूसरे स्थान अपने साथ ले जाते हैं। इस प्रकार अधिक बीमारी…
सांप का विष – 1. सफ़ेद जीरा दो माशे पीस कर शुद्ध घी में मिलाकर पिलाने से लाभ होता । इसको दिन में तीन बार 15-20 मिनट बाद करें | 2. प्याज़ का रस 30 ग्राम, 30 ग्राम सरसों के…
छिपकली का विष – छिपकली डरपोक होती है इसी कारण शीघ्र अपने आपको बचाने व छिपाने की कोशिश करती है | परन्तु कई बार कपड़े में होने के कारण या फिर ऊपर गिर जाने के कारण इसके नाखून गढ़ जाते…
मधुमक्खी का विष मधुमक्खी के काट लेने पर कटे स्थान पर जलन, सूजन, स्थान का लाल होना व दर्द आदि का अनुभव होता है। शरीर में दर्द की लहर चलने लगती है। काटने वाले स्थान पर अगर मधुमक्खी का डंक…
ततैया का विष उपचार 1. ततैया के काटने पर उस स्थान पर कई बार इसका डंक त्वचा पर लगा व अन्दर फंसा रहता है। काटने वाले स्थान से डंक को निकाल दें तथा तारपीन के तेल की मालिश करें। जलन,…